मेरे चेहरे पर है जमाने के पहरे कितने
मै हसुंगा तो उतर जाएंगे चेहरे कितने
मेरी जफाओं का रोना रोते हो बहोत
तुम अपनी वफाओं मे ठहरे कितने
आस्मा अपनी उसत लिए ठहरा है
है समंदर तुम्हारे गहरे कितने
काम थोडा कर लेते है लेकिन
लोग सजा लेते है सहरे कितने
मोहब्बत का पैगा़म सुनाना है मुझे
देखिए तो ये लोग है बहरे कितने
ताबिर जो बतलाते है आज ख़्वाबों कि
बता नही सक्ते दरपेश है ख़तरे कितने
ये तो अपनी नज़र तय करेगी "हमदर्द"
ख्वाब सियाह कितने ,सुनहरे कितने
अज़िम शेख़ "हमदर्द"
9673086786 लातुर.
मै हसुंगा तो उतर जाएंगे चेहरे कितने
मेरी जफाओं का रोना रोते हो बहोत
तुम अपनी वफाओं मे ठहरे कितने
आस्मा अपनी उसत लिए ठहरा है
है समंदर तुम्हारे गहरे कितने
काम थोडा कर लेते है लेकिन
लोग सजा लेते है सहरे कितने
मोहब्बत का पैगा़म सुनाना है मुझे
देखिए तो ये लोग है बहरे कितने
ताबिर जो बतलाते है आज ख़्वाबों कि
बता नही सक्ते दरपेश है ख़तरे कितने
ये तो अपनी नज़र तय करेगी "हमदर्द"
ख्वाब सियाह कितने ,सुनहरे कितने
अज़िम शेख़ "हमदर्द"
9673086786 लातुर.
Mashallah bahot khub bhai..!! Malmom nahi tha ap shayari bhi karte ho.
ReplyDelete- Sameer Shaikh
NCP youth president.
Mashaallah bahot umda ashar h
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